Thursday, September 29, 2011

बदलता दोर नहीं इसका कोई छोर ....




मुझे बहुत दिनों से अपने दादाजी से एक प्रश्न  पूछना था ,पर जब भी सोचता पूछने की न जाने किस बात से डर जाता था ,पर आज मेने  हिम्मत जुटा कर दादाजी से नजरे मिलते हुए कहा ,,दादाजी क्या में आपसे कुछ पूछ सकता हूँ ,   दादाजी... हाँ जरूर ...पोता ..दादाजी आप जब भी घर से निकलते हो  आप क्यों अपने नेत्रों को इस तरह ढक
लेते हो की कुछ दिखाई नहीं देता  अगर आप धूल के कारण ये करते हो तो आप अपने लिए चस्मा बनवा लीजिये 
फिर आपको अपने नेत्र ढकने की जरुरत नहीं पड़ेगी .......दादाजी... नहीं बेटे ऐसी बात नहीं है ....पोता ,,,तो फिर कैसी बात है आज तो में जान कर ही रहूँगा ,,,,दादाजी ठीक है ,,बात ये है की बेटा में ठहरा पुराने ज़माने का आदमी और ये जमना नया है ,,में जब भी निकलता हूँ घर से में  इस जमने की चका चोंद रोशनी को अपने नेत्रों से देख नहीं पता हूँ ..मेरे नेत्रों में जलन मचती है ,,जो में सह नहीं सकता हूँ इस लिए में अपने नेत्रों को ढक लेता हूँ ....ठीक है दादाजी में समझ गया ..अब में भी अपने नेत्रों को ढक के ही बहार जाया करूंगा ....दादाजी हँसते  हुए बोले नहीं बेटा तुमको ये करने की जरुरत नहीं है .तुम अभी बहुत छोटे हो ...पोता तो क्या हुआ दादाजी ..? मेरे भी तो नेत्र है मुझे भी तो मेरे नेत्र सुरछित रखना है आपकी तरह ...क्या मेरे नेत्रों में जलन नहीं होगी ..?...दादाजी दादाजी हँसते  ..हा हा हा हा ...ठीक है बेटा तुम भी अपने नेत्रों को ढक लेना .... 
                                  >बदलता दोर नहीं इसका कोई छोर<                                                                                              >बी.एस.गुर्जर<
    

6 comments:

  1. अच्छी सीख दी है ...आपके दादा जी ने लेकिन उनकी इस बात के कई मतलब निकलते हैं ....हो सकता है की जो कुछ आज हमारे समाज में चल रहा है ...जो फेशन का दौर है ...या बहुत सी बातें जो हमें अपने बदलते समाज में देखने को मिलती हैं उनसे बचने के लिए वह ऐसा करते हों ....आपका आभार मेरे ब्लॉग पर आकर उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए ...आशा है आपका मार्गदर्शन यूँ ही मिलता रहेगा ...शुभकामनाओं सहित

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  2. कृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...

    वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
    डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो NO करें ..सेव करें ..बस हो गया .

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  3. बेहतरीन प्रस्तुति।

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  4. आपकी प्रस्तुति अच्छी लगी । मेरे नए पोस्ट "तुझे प्यार करते-करते कहीं मेरी उम्र न बीत जाए" पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।

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